किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिया

किस देवता ने आज मेरा दिल चुरा लिया
दुनिया की खबर ना रही, तन को भुला दिया।

रहता था पास में सदा लेकिन छिपा हुआ
करके दया दयाल ने पर्दा उठा लिया ।

सूरज न था न चाँद था, बिजली न थी वहाँ
एकदम वो अजब शान का जलवा दिखा दिया।

करके कसूर माफ मेरे जनम जनम के
ब्रहमानंद अपने चरण में मुझको लगा लिया।

फिर के जो आँख खोल कर ढूँढ़न लगा उसे
गायब था नजर से सोई फिर पास पा लिया।